29 दिसंबर 2021 का ज्ञानप्रसाद – अपने आत्मीयजनों से विचारों का आदान प्रदान
आज के ज्ञानप्रसाद को आरम्भ करने से पहले हम अपनी व्हाट्सप्प सहकर्मी आदरणीय प्रेमशीला मिश्रा जी के ह्रदय से आभारी हैं कि उन्होंने हमें स्मरण कराया कि “आज का शुभरात्रि सन्देश नहीं आया -सब ठीक है भाई जी।” हमने यूट्यूब पर तो समयानुसार पोस्ट कर दिया था ,पता नहीं कैसे व्हाट्सप्प पर पोस्ट करने से चूक गए। इसीलिए हम अक्सर कहते रहते हैं त्रुटि तो किसी से भी हो सकती है -आखिर हम इंसान ही तो हैं। दरअसल हम ज्ञानरथ की अव्यवस्था को ही नियंत्रित करने में व्यस्त थे और कई दिशाओं में सोच रहे थे। इस अवयवस्था को ही देखते हम टाइम टेबल में बदलाव लाने को विवश हुए। इतना कंटेंट इकक्ठा हो चुका था कि अगर सावधानी न बरती, तो कोई महत्वपूर्ण कंटेंट मिस हो सकता था। प्रेम बहिन जी ने ऑनलाइन ज्ञानरथ की पारिवारिक और संपर्क साधना वाली भावना को मुहर लगाने का कार्य किया है। धन्यवाद् बहिन जी।
सबसे पहले हीरक जयंती एवं सूक्ष्मीकरण साधना पर लेखों की श्रृंखला के सन्दर्भ में बात करते हैं। हमारे सहकर्मियों ने जिस ध्यान और श्रद्धा से इतने कठिन लेख का अमृतपान किया उसके लिए हम नतमस्तक हैं। आज के समय में अगर Scientific Spirituality -वैज्ञानिक अध्यात्मवाद की बात इतने ज़ोर से हो रही है तो उसे समझना बहुत ही आवश्यक है। अगर हमें समझ आती है, तभी तो हम इसे किसी और को समझाने के काबिल होंगें। आज का युग प्रतक्ष्यवाद की युग है। सूक्ष्म की शक्ति को साबित करने के लिए ,और अपने गुरुदेव की शक्ति के बारे में हमने ही सबको बताना है -क्योंकि परमपूज्य गुरुदेव ने यह महत्वपूर्ण कार्य हमें ही सौंपा है। इस कार्य को बड़ी ही श्रद्धा और समर्पण से करना ही गुरुदेव के प्रति हमारी भक्ति होगी -इससे कम कतई नहीं। इन्ही विचारों से प्रेरित होकर ,गुरुदेव से मार्गदर्शन प्राप्त कर हम अपने सहकर्मियों को “सूक्ष्मीकरण” वाले लेख का स्वाध्याय करने के लिए एक दिन और देना चाहते हैं और निवेदन करते हैं कि एक Class Tutorial की तरह कमैंट्स का आदान प्रदान करते हुए जो भी शंकाएं हो उनका समाधान करने का प्रयास करें। “सूक्ष्मीकरण” पर अपने विचार आप इस लेख में दे सकते हैं, सभी को पता चल जायेगा कि यह कमेंन्ट किस सन्दर्भ में है।
जिस वीडियो की हमने आपसे बात की थी वह भी सूक्ष्मीकरण साधना वाले दिनों (1986) की है। यह वीडियो बहुत ही चर्चित है और बहुतों ने इसे देखा भी होगा। लेकिन ऑनलाइन ज्ञानरथ के प्लेटफॉर्म पर इस एक घंटे की अत्यंत मार्मिक वीडियो का प्रकाशित होना अपनेआप में बहुत ही महत्वपूर्ण होना चाहिए, हम सबने पूर्ण श्रद्धा के साथ यह सुनिश्चित कराने का प्रयास करना है। पिछले दिनों में हमने इस वीडियो को कई बार देखा है, बार-बार रिवाइंड किया है, कई बार आँखों में आंसू भी आये- आंसू क्यों आये ? गुरुदेव स्वयं भी रुआँसी आवाज़ में बोल रहे थे। एक पिता की आँखों में आंसू देखना कितना कठिन होता है। बिल्कुल एक संत जैसे महापुरष ने अपने बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए क्या-क्या साधना और तप किये। अब हमारी बारी है कुछ कर दिखाने -अपने गुरु के कार्य को लोगों के समक्ष साबित कर दिखाने की। यह सुनिश्चित कराने के लिए कि हम सब इस वीडियो के एक-एक क्षण का अमृतपान बिना फॉरवर्ड किए करें, हम इस एक घण्टे की वीडियो को तीन भागों में प्रकाशित करेंगें। प्रत्येक भाग लगभग 20 मिंट का होना चाहिए और आपको headphone लगाने पड़ सकते हैं क्योंकि जिन दिनों यह वीडियो रिकॉर्ड की गयी थी उस समय गुरुदेव की आयु 75 वर्ष थी। जो परिजन गुरुदेव के प्रतक्ष्य दर्शन करने से वंचित रह गए, उनके लिए यह वीडियोस बहुत ही सुनहरी अवसर हो सकता है। दस वर्ष पूर्व प्रकाशित हुई इस वीडियो में केवल 392 लोगों ने कमेंट किये और तीन कमेंट आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं। यह कमेंट हमारी बात को बल देते हैं जो हम अक्सर कहते आये हैं – गुरुदेव के बच्चे कोई भिखारी नहीं हैं :
कमैंट्स:
1.गुरुदेव माता जी मेरे भाई बहिनों को भी नौकरी देकर उनका घर बचाओ।अनुराधा को ,रविशंकर को ,विष्णु को आजीविका दे
2.गुरुदेव माताजी आप मेरे मायके और ससुराल पक्ष के हर व्यक्ति को अपने चरणों से जोड़ ले।सबको अपनी कृपा की छाव में लेे लेे।सबकी रक्षा करे।सबके जीवन से क्लेश कलह रोग शोक का नाश कर आयु arogyta सद्बुद्धि सद्भावना उज्ज्वल भविष्य दे।
3.गुरुदेव मेरे दाम्पत्य जीवन के क्लेश कलह को जला कर भस्म कर दो।माताजी आपकी संवेदन शीलता मेरे पति और मेरे बच्चों के में में मेरे लिए समाविष्ट हो जाए।आप दोनो जैसा सुखमय और कल्याण कारी दाम्पत्य जीवन मेरा हो जाए।मेरा जीवन संभालो गुरुदेव माताजी।मेरी बेटी प्रज्ञा के रूप में मेरी बांह पकड़ लो।मेरी नाव भवसागर में डूब रही है।पति के रूप में पतवार बनकर थाम लो।मेरे पति मेरे प्रति अत्यधिक करुणाशील और संवेदनशील हो उठे।वह कभी मेरे से मारपीट गाली गलौज ना करे।मेरा दिल से सम्मान करे।कभी मेरा अपमान ना करे।
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माँ शारदा ने एक शिष्य को कहा था – अरे तू भिखारी है क्या ? पहले कुछ समर्पण तो कर।
हमें बहुत ही गर्व है कि ऑनलाइन ज्ञानरथ का प्रत्येक सहकर्मी समर्पण की प्रतिमूति है।
आज के ज्ञानप्रसाद का अंत तो सरविन्द जी द्वारा संकल्प सूची के साथ ही होगा लेकिन हमारे एक और बहुत ही समर्पित सहकर्मी आदरणीय अरुण वर्मा जी के प्रति हम क्षमा प्रार्थी हैं। क्षमाप्रार्थी इसलिए कि कुछ दिन पूर्व उन्होंने गायत्री परिवार और ऑनलाइन ज्ञानरथ परिवार के प्रति अपनी अनुभूति लिख कर हमें भेजीं थीं, अभी तक उचित समय नहीं आ सका कि हम प्रकाशित कर सकें। आज भी हमने इस अनुभूति का स्वध्याय किया, आने वाले दिनों में प्रकाशित करने की योजना है। अवश्य ही बहुतों की ऐसी अनुभतियाँ होंगीं जिससे सहकर्मियों को प्रेरणा मिलने की सम्भावना है ।
अगली प्रस्तुति -एक वीडियो
हर बार की तरह आज भी कामना करते हैं कि प्रातः आँख खोलते ही सूर्य की पहली किरण आपको ऊर्जा प्रदान करे और आपका आने वाला दिन सुखमय हो। धन्यवाद् जय गुरुदेव
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24 आहुति संकल्प सूची :
28 दिसंबर मंगलवार को प्रस्तुत किये गए ज्ञानप्रसाद का पयपान करने के उपरांत आनलाइन ज्ञानरथ परिवार के 10 सूझवान व समर्पित सहकर्मियों ने परम पूज्य गुरुदेव के दस सूत्रीय कार्यक्रम को सफल बनाने में अपनी सहभागिता सुनिश्चित की है। इन्होने बहुत ही सक्रियता, सहकारिता, सहानुभूति व सद्भावना के साथ निस्वार्थ भाव से समयदान व श्रमदान से अपने विचारों की हवन सामग्री से कमेन्ट्स रूपी आहुति डाल कर अपने 24 आहुति संकल्प को पूरा किया। इन सभी सहकर्मियों ने हम सबका उत्साहवर्धन व मार्गदर्शन कर मनोबल बढ़ाने का परमार्थ परायण कार्य करके पुरुषार्थ कमाने का सराहनीय कार्य किया है जिससे सबको बहुत प्रेरणा मिल रही है। वह समर्पित सहकर्मी निम्नलिखित हैं l (1) सरविन्द कुमार पाल – 52, (2) डा.अरुन त्रिखा जी – 35, (3) अरूण कुमार वर्मा जी – 31, (4) रेनू श्रीवास्तव बहन जी – 30, (5) संध्या बहन जी – 29, (6) प्रेरणा कुमारी बेटी – 29, (7) रेणुका बहन जी – 27, (8) बबिता बहन जी – 27, (9) नीरा बहन जी – 25, (10) रजत कुमार जी – 25
सभी सहकर्मियों को आनलाइन ज्ञान रथ परिवार की तरफ से अनंत ढेर सारी हार्दिक शुभकामनाएँ व हार्दिक बधाई हो और आप सभी पर आद्यिशक्ति जगत् जननी माँ भगवती गायत्री माता की असीम अनुकम्पा सदैव बरसती रहे,यही आनलाइन ज्ञान रथ परिवार की गुरु सत्ता से आप सबके लिए विनम्र प्रार्थना व पवित्र शुभ मंगल कामना है और जो 24 आहुति संकल्प को पूरा नहीं कर पाए उन सभी से निवेदन है कि इसी तरह प्रयासरत रहें। सभी को गुरू सत्ता का स्नेह व प्यार के रूप में निरंतर आशीर्वाद व शुभकामनाएँ मिलती रहें l धन्यवाद ,जय गुरुदेव