31 मार्च 2021 का ज्ञानप्रसाद
15 वर्षीय ग्रामीण बालक सविंदर पाल के ऊपर परमपूज्य गुरुदेव का आशीर्वाद , भाग 2
मित्रो, आज का लेख सविंदर पाल जी के गायत्री महायज्ञ के संदर्भ में दूसरा और अंतिम भाग है। हमने बहुत प्रयास किया है कि आपके समक्ष प्रस्तुत करने से पहले इस लेख में कोई भी त्रुटि दर्शित न हो लेकिन फिर भी अगर कोई अनजाने में रह गयी हो तो हम आपके सबके क्षमा प्रार्थी हैं। लेख के दोनों भागों में लेखनी का कमाल तो सविंदर भाई साहिब का ही है परन्तु हमने कुछ एक स्थानों पर अपने विवेक के अनुसार कुछ एडिटिंग की है।
हमें आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि हमारे सहकर्मी सविंदर जी के इस पुरुषार्थ से अवश्य ही प्रोत्साहित होंगें और आने वाले दिनों में इसी तरह के लेख लिख कर भेजेंगें।
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तो चलते हैं लेख की ओर :
तत्पश्चात आदरणीय डॉक्टर साहब गुप्ता जी व हमारे बीच आध्यात्मिक चर्चा शुरू हुई I उस समय हमारा विद्यार्थी जीवन था उम्र लगभग 14-15 वर्ष की थी I अध्यात्म में हमारी रुचि बाल्यावस्था से थी,हमारे बुजुर्गो में हमारे परदादा आध्यात्मिक प्रवृत्ति के थे वह हमेशा स्नान-ध्यान के पश्चात ही भोजन ग्रहण करते थे, हम भी उनके साथ नकल किया करते थे तो घर में सब लोग मना किया करते थे, कहते थे कि अभी तुम्हारी यह सब-कुछ करने की उम्र नहीं है I तुम्हारा भविष्य खराब हो जाएगा लेकिन हम किसी की बात नहीं मानते थे I हम सिर्फ अपने परदादा की बात मानते थे और वह हमसे बहुत प्यार करते थे। वह जब तक जीवित रहे तब तक कोई ज्यादा आपत्ति नहीं हुई I कुछ दिन बाद उनका स्वर्गवास हो गया तत्पश्चात हमारे नियम-संयम पर प्रतिबंध लग गया Iअब हम सबकी तरह परिवार के माहौल में ढल गए I प्राथमिक शिक्षा-दीक्षा भी चल रही थी फिर भी अध्यात्म से रुचि कम नहीं हुई , कहीं भी सत्संग होता तो हम छिपकर सुनने जरूर जाते थे जानकारी हो जाने पर चाहे मार क्यों न पड़ जाती I यह सिलसिला चलता रहता था I अंतःकरण में अच्छे मार्गदर्शक की तलाश रहती थी I
इसी कड़ी में आदरणीय डॉक्टर साहब गुप्ता जी से हमारी पहली मुलाकात चिकित्सा के दौरान हुई और उन्होंने हमसे हमारे विषय में जानकारी ली, पढ़ाई-लिखाई के बारे में भी पूछताछ की तो हमने सारी जानकारी दी वह हमसे बहुत प्रभावित हुए। तत्पश्चात उन्होंने हमें आध्यात्मिक चर्चा में परम पूज्य गुरुदेव के विषय में, उनके मिशन के विषय में व गायत्री परिवार के विषय में बहुत कुछ बताया उस दिन से आदरणीय डॉक्टर साहब गुप्ता जी से हमारी आध्यात्मिक दोस्ती हो गई और फिर हम हमेशा उनकी क्लीनिक जाने लगे और घंटो परम पूज्य गुरुदेव के आध्यात्मिक विचारों व मिशन के कार्यक्रमों की चर्चा किया करते और हम आनंदमय हो जाते I हमें बहुत अच्छा लगता तथा हम आदरणीय डाक्टर साहब गुप्ता जी से परम पूज्य गुरुदेव के विषय में तमाम प्रकार की जानकारी लिया करते थे।
उन्होंने हमें सर्वप्रथम आदिशक्ति जगत् जननी गायत्री माता के महामंत्र की उपासना करने को कहा। उन्होंने कहा इस महामंत्र के जाप करने से विद्या आएगी और तुम्हें वह सब-कुछ मिलेगा जो तुम चाहते हो I चाहत तो हमारी बहुत बड़ी थी वह भी सांसारिक सुखों की I हम आदरणीय डाक्टर साहब गुप्ता जी के कथनानुसार प्रातःकाल गायत्री महामंत्र की उपासना करने लगे, एक खूबी हमारे पास प्राकृतिक थी, वह थी प्रातःकाल ब्रम्हमुहुर्त में जागना और शौचादि-क्रिया से निवृत्त होकर उसी समय स्नान कर अपनी प्रातःकालीन पढ़ाई में बैठ जाते थे वही नियम आज भी कायम है I
पंच कुण्डीय गायत्री महायज्ञ :
पंच कुण्डीय गायत्री महायज्ञ में अति प्रसन्नता का माहौल था I कार्यक्रम के व्यवस्थापक परम आदरणीय महामहिम माननीय श्री रामबहादुर कुदैशिया जी, कार्यक्रम का उद्घाटन कर रहे माननीय राकेश सचान जी विधायक घाटमपुर व कार्यक्रम का संचालन कर रहे हम सरविन्द कुमार पाल एक साथ एक मंच में उपस्थिति होने का संयोग परम पूज्य गुरूदेव के आशीर्वाद से अदभुत था I मंच में उपस्थित चार प्राणवान आत्माओ में से तीन आत्माए महान थी, जिनमें सबसे श्रेष्ठ व वरिष्ठ परम आदरणीय महामहिम माननीय श्री रामबहादुर कुदैशिया जी थे I विधायक राकेश सचान जी व हमारे शैक्षिक गुरु प्रधानाचार्य श्री जयनारायण पाल जी दोनों महान आत्माएं महामहिम कुदैशिया जी के शिष्य थे I
परमपूज्य गुरुदेव द्वारा रचा गया यह अद्भुत दृश्य अवश्य ही अविश्वसनीय था ,तीन पीढ़ीयां एक साथ एक ही मंच पर, एक ही पावन कार्य के लिए , एक ही समर्पण के साथ, सच में अविश्वसनीय ,गुरुदेव हमारा नमन ,वंदन स्वीकार करें,अपने चरणों में स्थान दें।

इतना सुखद एवं रुचिकर दृश्य कि शब्द कम पड़ गए हैं। कार्यक्रम का माहौल एकदम ही बदल गया था I चारों तरफ आनंद ही आनंद था क्योंकि कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोग उन महान आत्माओ के सम्बन्ध से परिचित थे I माननीय विधायक श्री राकेश सचान जी के कर-कमलों द्वारा कार्यक्रम सम्पन्न किया गया I सबने अपने-अपने विचार रखे , हम सबका मार्गदर्शन कर उत्साहवर्धन किया I कार्यक्रम परम पूज्य गुरूदेव की कृपा से तीनों दिन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। कार्यक्रम में हमारे पूरे गांव का व आस-पास के गाँव का बहुत अच्छा सहयोग व समर्थन मिला जिसकी हमें कभी कल्पना भी नहीं थी कि हम पहली बार और इतनी छोटी आयु में , विद्यार्थी जीवन में इतना बड़ा कार्यक्रम सम्पन्न करवा पायेंगें। लेकिन यह सब परम पूज्य गुरुदेव की प्रेरणा व आशीर्वाद था कि उन्होंने हमें इतनी कम उम्र में इतना विशाल दायित्व सौंपा, यह हमारे लिए परम् सौभाग्य की बात है I हम अपने गाँव में अकेले ही गायत्री परिवार में थे I हमारे गाँव के आस-पास दूर-दूर तक लोग मिशन से अपरिचित थेI कार्यक्रम का दायित्व अपने कन्धों पर लेने के उपरांत ही अपने गाँव में सभी लोगों से सम्पर्क स्थापित किया तो हमारे गाँव के मुखिया व ग्राम पंचायत प्रधान श्री मद्दीलाल पाल जी का बहुत बड़ा सहयोग मिला था I गाँव के और सम्भ्रान्त लोग जैसे कृष्ण कुमार पाल, दिलबहार पाल, क्षेत्रपाल, राजेन्द्र कुमार पाल, रामशंकर पाल भरुआ सुमेरपुर जिला हमीरपुर एवं समस्त ग्रामवासियों का भी बहुत अच्छा सहयोग मिला I कार्यक्रम में प्रथम दिन थोड़ी समस्या कार्यक्रम आयी, समापन के बाद शाम को व्यवस्था सम्पन्न करने में परेशानी भी आयी। उस दिन रात को भयंकर कुहरा था लेकिन परम पूज्य गुरुदेव की कृपा से समस्या का समाधान आसानी से हो गया I नवल किशोर मिश्रा जी के हाथ कार्यक्रम की कमान थी , कार्यक्रम तीनो दिन सुचारू रूप से चला, फिर किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं आयी और कार्यक्रम सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। तत्पश्चात हम सबको राहत मिली I हमें सम्पूर्ण विश्वास हो गया कि इस तरह परम पूज्य गुरूदेव द्वारा रचित कार्य सम्पन्न होता है I उनके आशीर्वाद से कोई कमी नहीं रहती I
पंच कुण्डीय गायत्री महायज्ञ में सहकर्मियों का सहयोग :
पंच कुण्डीय गायत्री महायज्ञ में हमारी माताओ-बहनो का भी बहुत बड़ा सहयोग रहा I कार्यक्रम में भोजन व्यवस्था उन्हीं के हाथों में थी जिसके कारण भोजन व्यवस्था में कोई कमी आ ही नहीं पायी। श्रीमती राजपती पाल, श्रीमती फूलमती पाल, श्रीमती सावित्री देवी, कुमारी रानी पाल, सरोज देवी पाल, सुनीता देवी, फूलन देवी, सुषमा देवी, रूबी देवी, अनीता देवी, शशी देवी, साधना सिंह, सुशीला देवी, नीलम कुशवाहा आदि आदि का कार्यक्रम में बहुत बड़ा योगदान था जो बहुत ही सराहनीय व प्रशंसनीय था I माताओं और बहनों की इतनी लंबी सूची है कि सबका विवरण देना असंभव सा लग रहा है
युगतीर्थ शांतिकुंज से आयी गायत्री परिवार की टोली का भी बहुत बड़ा सहयोग था I दो दिन पहले से ही आकर, घूम-घूमकर आस-पास के गाँवों में कार्यक्रम का प्रचार-प्रसार किया जिसमें कुछ प्रमुख नाम हैं – बाबूराम कश्यप, चन्द्रिका कुशवाहा, अनिल कुशवाहा, रमेश सचान, रामबाबू शिकौहला, डा.रामप्रकाश पाल सूलपुर, विमल पाल असेनियाँ,रामजीवन पाल भर्थुवा नेवादा, रामआसरे बुढ़ावां।
और भी दूर-दराज से बहुत से लोगों ने कार्यक्रम में आकर भाग लिया I कार्यक्रम में भीड़ बहुत थी I जिसको देखते हुए माननीय विधायक राकेश सचान जी ने पुलिस प्रशासन की व्यवस्था की थी व आर्थिक सहयोग भी दिया था I कई अधिकारियों व ग्राम प्रधानों का भी सहयोग था I हमारे ब्लॉक भीतरगांव के ए. डी. ओ. , पंचायत माननीय श्रीराम गुप्ता जी, जहानाबाद से डा.प्रभात कुमार निगम, योगेन्द्र कुमार सक्सेना अंग्रेजी प्रवक्ता आदर्श इन्टर कालेज कोड़ा जहानाबाद , हमें गायत्री परिवार में लाने वाले परम पूज्य आदरणीय डाक्टर साहब रामकुमार गुप्ता जी। परम पूज्य गुरूदेव के कार्यक्रम में शामिल और भी भाई-बंधु, माताएं-बहनें आदि सभी प्राणवान आत्माओ को ह्रदय से साधुवाद, हार्दिक शुभकामनाएँ व हार्दिक बधाई देते हुए सादर प्रणाम व नमन-वंदन करता हूँ जिनका तहेदिल से स्नेह्,प्यार व सहयोग मिला। सभी को बारम्बार स्वागत व अभिनन्दन करता हूँ।
परम पूज्य गुरूदेव, वन्दनीया माता जी व आद्यिशक्ति जगत् जननी माँ भगवती गायत्री माता की कृपा सदैव इन सब पवित्र आत्माओ पर सदैव बरसती रहे,यही हमारी परम पूज्य गुरूदेव से मंगल कामना है I साथ ही परम आदरणीय अरुण भैया जी को व आनलाइन ज्ञानरथ के सभी पाठकगण व सहकर्मी भाइयों को सादर प्रणाम व हार्दिक शुभकामनाएँ व हार्दिक बधाई जो ज्ञानरथ के माध्यम से परम पूज्य गुरुदेव के आध्यात्मिक विचारों को जन-जन तक पहुंचाने में निस्वार्थ भाव से अपना पूरा सहयोग दे रहे हैं I सभी को हमारी तरफ से हार्दिक अभिनन्दन, सभी का हार्दिक स्वागत।
अपनी लेखनी को विराम देते हुए आप सभी से अपनी हर किसी गलती के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ I धन्यवादI I जय गुरुदेव जय माता दी सादर प्रणाम I
सरविन्द कुमार पाल संचालक गायत्री परिवार शाखा करचुलीपुर कानपुर नगर उत्तर प्रदेश
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तो मित्रो सविंदर कुमार जी के विस्तृत विवरण के उपरांत हमारे कहने के लिए तो कुछ भी बाकी नहीं रहता। हम तो इतना ही कह कर अपनी लेखनी को विराम देते हैं :
” सूर्य भगवान की प्रथम किरण आपके आज के दिन में नया सवेरा ,नई ऊर्जा और नई उमंग लेकर आए।
जय गुरुदेव
परमपूज्य गुरुदेव एवं वंदनीय माता जी के श्री चरणों में समर्पित