वेदमाता,देवमाता,विश्वमाता माँ गायत्री से सम्बंधित साहित्य को समर्पित ज्ञानकोष

ज्ञान रथ अल्पविराम के बाद पुनः गति शील

अपने सहकर्मियों का हाल चाल जानना हमारा धर्म है। आशा सब आपने कार्यों में, दिनचर्या में व्यस्त होंगे। ज्ञान रथ का ज्ञान प्रसाद अनवरत शीघ्र ही आपके समक्ष प्रस्तुत करने का संकल्प है। आप सभी के सुझाव बहुत ही बारीकी से पढ़े हैं ,जहाँ संभव हो सका उत्तर भी दिए और शेयर भी किये। कई phones की settings के कारण हमारा लेख you tube से शेयर यां डाउनलोड करने में problem आ रही है ,इसी लिए हम whatsapp पर भी कॉपी करते हैं। लेकिन इन लेखों को शेयर करने का सबसे अच्छा तरीका हमारी वेबसाइट के द्वारा है इसका लिंक पहले भी दिया हुआ है आज फिर दे रहे हैं ,दरसल हर लेख में यह लिंक दे देंगे।

https://life2health.org/

वेबसाइट का फॉर्मेट broad होने के कारण अलग अलग रंग इस्तेमाल करके लेख पढ़ने में आसानी होती है और फेसबुक twitter एवं और कितने ही जगह पर शेयर हो सकती है।

गुरुदेव के प्रति अपना समर्पण और श्रद्धा व्यक्त करने का एकमात्र मार्ग

       ” शेयर शेयर एंड शेयर।”

आने वाले सोमवार 15 जून की प्रातः आपके समक्ष ज्ञान प्रसाद ले कर हम आपके द्वार पर खड़े होंगे। 18 जनवरी 1926 वाले वसंत पर्व के दिन बालक श्रीराम की मार्गदर्शक के साथ भेंट का वर्णन करते समय हमने अल्पविराम लिया था। उसी शृंखला को आगे लेकर चलेंगें। हमारे गुरुदेव के माता जी की उस दिन की भूमिका बहुत ही दिलचस्प होने वाली है। इस लेख को भी रंगमंच पटल पर best चित्रित करने के लिए गुरुदेव का मार्गदर्शन अवश्य ही रहेगा। गुरुदेव अपनी माता जी ,दान कुंवारी देवी ,को ताई कहते थे।

जय गुरुदेव

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